आतंक का श‍िकार बच्‍चों को क्र‍िकेट स‍िखाने की मासूम कोशिश करते संजय दत्त


Torbaaz Review: न‍िर्देशक ग‍िरीश मलिक (Girish Malik) की संजय दत्त (Sanjay Dutt) स्‍टारर फिल्‍म टोरबाज (Torbaaz) आतंक और क्रिकेट के कनेक्‍शन की एक नई सी कहानी है. शुरुआती कुछ म‍िनट तक फिल्‍म अफगान‍िस्‍तान की जमीन पर मचे आतंक और ज‍िहाद से जुड़ी ही लगती है, लेकिन फ‍िर जब संजय दत्त क्रिकेट की तरफ रुख करते हैं तो फिल्‍म मजेदार हो जाती है.

Torbaaz Review: न‍िर्देशक ग‍िरीश मलिक (Girish Malik) की संजय दत्त (Sanjay Dutt) स्‍टारर फिल्‍म टोरबाज (Torbaaz) आतंक और क्रिकेट के कनेक्‍शन की एक नई सी कहानी है. शुरुआती कुछ म‍िनट तक फिल्‍म अफगान‍िस्‍तान की जमीन पर मचे आतंक और ज‍िहाद से जुड़ी ही लगती है, लेकिन फ‍िर जब संजय दत्त क्रिकेट की तरफ रुख करते हैं तो फिल्‍म मजेदार हो जाती है.

Torbaaz Review: न‍िर्देशक ग‍िरीश मलिक (Girish Malik) की संजय दत्त (Sanjay Dutt) स्‍टारर फिल्‍म ‘टोरबाज’ (Torbaaz) आतंक और क्रिकेट के कनेक्‍शन की एक नई सी कहानी है. शुरुआती कुछ म‍िनट तक फिल्‍म अफगान‍िस्‍तान की जमीन पर मचे आतंक और ज‍िहाद से जुड़ी ही लगती है, लेकिन फ‍िर जब संजय दत्त क्रिकेट की तरफ रुख करते हैं तो फिल्‍म मजेदार हो जाती है.

  • News18Hindi

  • Last Updated:
    December 12, 2020, 12:15 PM IST

Torbaaz Review: न‍िर्देशक ग‍िरीश मलिक (Girish Malik) की संजय दत्त (Sanjay Dutt) स्‍टारर फिल्‍म ‘टोरबाज’ (Torbaaz) आतंक और क्रिकेट के कनेक्‍शन की एक नई सी कहानी है. नेटफ्ल‍िक्‍स (Netflix) पर र‍िलीज हो चुकी है. संजय दत्त के अलावा एक्‍टर राहुल देव, नर्गिस फाखरी जैसे एक्‍टर्स इस फिल्‍म में अहम भूम‍िका में हैं. इस शुक्रवार को ‘टोरबाज’ के साथ ही भूम‍ि पेडणेकर की फिल्‍म ‘दुर्गामति’ भी र‍िलीज हुई है. लेकिन अगर आप ‘टोरबाज’ देखने का प्‍लान कर रहे हैं तो आपको ये र‍िव्‍यू जरूर पढ़ना चाहिए.

कहानी: ‘टोरबाज’ कहानी है एक आर्मी डॉक्‍टर नसीर खान (संजय दत्त) की जो अफ्गानि‍स्‍तान में हुए एक आत्‍मघाती हमले में अपने पत्‍नी और बच्‍चे को खो देता है. नसीर खान की पत्‍नी एक एनजीओ चलाती थीं और उसके मरने के बाद नसीर खान भी इसी एनजीओ के जरिए बच्‍चों को आतंक के रास्‍ते पर जाने से रोकने की कोशिश में लग जाता है. इसके ल‍िए वो सहारा लेता है क्रिकेट का… क्‍या वो सफल हो पाता है, ये जानने के ल‍िए आपको फिल्‍म देखनी होगी.

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फिल्‍म की शुरुआत की बात करें तो शुरु के कुछ म‍िनट फिल्‍म पूरी तरह से अफ्गान‍िस्‍तान की जमीन पर मचे आतंक और ज‍िहाद से जुड़ी ही लगती है, लेकिन कुछ समय बात जब संजय दत्त क्रिकेट की तरफ रुख करते हैं तो फिल्‍म का पेस काफी लाइट और मजेदार हो जाता है. रेफ्यूजी कैंपों में पल रहे बच्‍चों के ल‍िए क्रिकेट की असली बॉल को देखकर एक्‍साइटेड होना, उनके द‍िमाग में बैठी ऊंच-नीच की बातों का खुलकर सामने आना, ये सब काफी मजेदार है. फिल्‍म में नजर आ रहे बच्‍चे तारीफ के काब‍िल हैं. ऐसे बच्‍चे, ज‍िनके द‍िमाग में सुसाइड बॉम्‍बर बनने की बात है, उन्‍हें क्रिकेट के जरिए एक सपना द‍िखाने की कोशिश की गई है.संजय दत्त इन बच्‍चों को क्रिकेट की ट्रेन‍िंग देते हुए नजर आते हैं. कहानी की अच्‍छी बात ये है कि ये बहुत ही असली लगती है. असली लोकेशन्‍स हैं, कास्‍ट में भी कई अफगानी लोगों को शामिल किया गया है. रीयल लोकेशन्‍स सीन्‍स को काफी खूबसूरत बनाती हैं.

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हालांकि कुछ जगह पर संजय दत्त और बच्‍चों के बीच का इमोशनल बॉन्‍ड थोड़ा कमजोर सा गलता है, ज‍िससे इस पूरे माहौल से कनेक्‍ट होने में थोड़ी द‍िक्‍कत लगती है. एक्‍टर राहुल देव एक खतरनाक व‍िलेन के रूप में काफी अच्‍छे रहे हैं और अपने अंदाज से वो आपका ध्‍यान खींचते हैं.

मेरी तरफ से इस फिल्‍म को 3 स्‍टार.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :








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